प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में दावा किया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मुस्लिम लीग के दबाव में वंदे मातरम् के टुकड़े कर दिए गए। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस वंदे मातरम् के बंटवारे पर झुकी, इसलिए उसे एक दिन भारत के बंटवारे के लिए झुकना पड़ा।'' मोदी ने सदन में ‘‘राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर चर्चा'' की शुरुआत करते हुए 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल का हवाला दिया और कहा कि जब राष्ट्रीय गीत के 100 वर्ष पूरे हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था और संविधान का गला घोंट दिया गया था।
उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘जब आजादी को कुचलने की कोशिश हुई, संविधान की पीठ पर छुरा घोंप दिया गया और देश पर आपातकाल थोप दिया गया, तब इसी वंदे मातरम ने देश को खड़ा कर दिया।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मोहम्मद अली जिन्ना ने वंदे मातरम् के विरोध का नारा बुंलद किया तो तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष नेहरू ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पत्र लिखा और उसमें जिन्ना की भावना से सहमति जताते हुए कहा कि ‘‘वंदे मातरम की आनंद मठ की पृष्ठभूमि मुसलमानों को इरिटेट कर सकती है।''
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने वंदे मातरम् पर समझौता कर लिया और इसके टुकड़े कर दिए और इसके लिए सामाजिक सद्भाव का हवाला दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वंदे मातरम के टुकड़े करने के फैसले में नकाब यह पहना गया कि यह तो सामाजिक सद्भाव का काम है। लेकिन, इतिहास इस बात का गवाह है कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए और मुस्लिम लीग के दबाव में यह किया गया। यह कांग्रेस का तुष्टीकरण की राजनीति को साधने का एक तरीका था।'' मोदी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कांग्रेस की नीतियां आज वैसी की वैसी ही हैं और आज आईएनसी चलते-चलते एमएमसी हो गया है।''